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- पालक, सोयाबीन, चुकंदर, लाल मांस, अंडे, टमाटर, अनार, शहद, सेब, खजूर आदि हैं प्रोटीन युक्त आहार
- लक्षण दिखते ही समय पर कराएं इलाज, चिकित्सा परामर्श का करें पालन
- थोड़ी सी लापरवाही से हो सकती है बड़ी परेशानी , सर्तकता और सावधानी जरूरी
- खान-पान एवं रहन-सहन का विशेष ख्याल रखें
खगड़िया, 16 सितंबर
एनीमिया से बचाव के लिए प्रोटीन युक्त खाना का सेवन करें। यह बीमारी खून की कमी से होती है। इसलिए, इससे बचाव के लिए आयरन युक्त खाना का सेवन करना जरूरी है। दरअसल, शरीर में पर्याप्त आयरन रहने से इस बीमारी की संभावना ना के बराबर रहती है। इसलिए, खान-पान एवं रहन-सहन का विशेष ख्याल रखें और सकारात्मक बदलाव ही बीमारी से बचाव का बड़ा उपचार है। यह बीमारी खून में पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं या हीमोग्लोबिन कम होने से होती है। इसलिए, लक्षण दिखते ही तुरंत इलाज कराएं और चिकित्सा परामर्श का पालन करें। अन्यथा थोड़ी सी लापरवाही से बड़ी परेशानी हो सकती है। इससे घबराने की भी जरूरत नहीं है। ऐसे में समय पर जाँच के लिए अस्पताल जाने एवं चिकित्सकों की सलाह का पालन करना चाहिए। जो आगे की परेशानी उत्पन्न नहीं होने देगी एवं आपके लिए फायदेमंद साबित होगा तथा आसानी के साथ आपको बीमारी से छुटकारा मिल सकता है।
- आयरनयुक्त खाना का करें सेवन :
परबत्ता सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ राजीव रंजन ने बताया, आयरन की कमी के कारण एनीमिया होती है। इसलिए इस बीमारी से लोगों को आहार बदलने एवं आयरन युक्त आहार का सेवन करने से बचाव होगा। साथ ही लक्षण दिखते ही मरीजों को तुरंत जाँच करानी चाहिए और चिकित्सा परामर्श का पालन करते हुए आवश्यक इलाज भी कराना चाहिए।
- ये हैं एनीमिया के प्रारंभिक लक्षण :
एनीमिया बीमारी का शुरुआती लक्षण थकान, कमजोरी, त्वचा का पीला होना, दिल की धड़कन में बदलाव, साँस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, सीने में दर्द, हाथों और पैरों का ठंडा होना, सिरदर्द आदि होना है। ऐसा लक्षण होते ही ससमय इलाज कराएं।
- प्रोटीनयुक्त खाने का करें सेवन :
एनीमिया के दौरान प्रोटीन युक्त खाने का सेवन करें। जैसे कि पालक, सोयाबीन, चुकंदर, लाल मांस, मूँगफली का मक्खन, अंडे, टमाटर, अनार, शहद, सेब, खजूर आदि प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करें। जो कि आपके शरीर की कमी को पूरा करता एवं हीमोग्लोबिन जैसी कमी भी दूर होती है । इससे आपको एनीमिया बीमारी से बचाव मिल सकता है।
- चिकित्सकों की सलाह का करें पालन :
एनीमिया के दौरान आप तुरंत किसी अच्छे चिकित्सक से दिखाएं एवं चिकित्सकों के अनुसार आवश्यक जाँच कराएं। जिसके बाद चिकित्सकों द्वारा दी गई आवश्यक चिकित्सा परामर्श का पालन करें, जो आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।
- गर्भवती महिलाएँ रखें विशेष ख्याल :
गर्भवती महिलाएँ को गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए शरीर में रक्त का निर्माण करना पड़ता है। जिसमें कमी होने के कारण एनीमिया होने की प्रबल संभावना हो जाती है। इसलिए गर्भवती महिलाएँ को गर्भ दौरान लगातार हीमोग्लोबिन समेत अन्य आवश्यक जाँच करानी चाहिए एवं चिकित्सकों के चिकित्सा परामर्श का पालन करना चाहिए।
- समय पर खाएं खाना :
एनीमिया से बचाव के लिए समय पर खाना खाना भी जरूरी है। इसलिए, इस बात विशेष ख्याल रखें कि समय पर खाना खाएं और परिवार के अन्य सदस्यों का भी खान-पान का ख्याल रखें। खासकर घर के बच्चे और बुजुर्गों के खान-पान को लेकर विशेष ख्याल रखें।
रिपोर्टर
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Swapnil Mhaske