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लखनऊ-
चित्रगुप्त जी की पूजा प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए वाराणसी से स्नातक एमएलसी प्रत्याशी अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि आज के पूजन का काफी महत्व है। चित्रगुप्त जी ने मां सरस्वती से विचार विमर्श के बाद लिपि का निर्माण किया और अपने पूज्य पिता के नाम पर उसका नाम ब्राह्मी लिपि रखा।
अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि चित्रगुप्त जी के द्वारा ईजाद किए गए लिपि को ही सर्वप्रथम उपयोग भगवान वेद व्यास के द्वारा सरस्वती नदी के तट पर उनके आश्रम में वेदों के संकलन से प्रारंभ किया गया। वेद के उपनिषाद, अरण्यक ब्राह्मण ग्रंथों तथा पुराणों का संकलन कर उन्हें लिपि प्रदान किया गया।
अनिल कुमार मिश्र ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज जो भी पढ़ने लिखने वाले लोग हैं उनसबके लिए गौरव का दिन है। चित्रगुप्त पूजा कलम से जुड़े सभी लोगों के लिए श्रेष्ठ माना गया है। अतः यह पूजन विशेष रूप से अनिवार्य है। चित्रगुप्त पूजा बल, बुद्धि, साहस, शौर्य के लिए अहम माना गया है। पुराणों ग्रंथों में इस पूजन के बगैर कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। इस विशेष पूजा पर एक बार पुनः प्रदेशवासियों को ढ़ेर सारी शुभकामनाएं।
रिपोर्टर
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Dr. Rajesh Kumar